जय हिन्द न्यूज/जालंधर
सिविल लाइन्स स्थित प्राइवेट बैंक कोटक महिन्द्गा के स्टाफ को गच्चा देकर एक नटवरलाल द्बारा किसी अन्य व्यक्ति के खाते से अपने खाते में 4 लाख रुपए ट्रांसफर करवाने का मामला सामने आया है। इस नई तरह की ठगी का मामला रिपोर्ट होते ही पुलिस ने चिन्हित आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 465, 467, 468 तथा 471 के तहत केस दर्ज कर आरोपी की तलाश में छापेमारी शुरू कर ही है। वहीं, बैंक ने भी लापरवाही के चलते बैंक स्टाफ के तीन सदस्यों को नौकरी से चलता कर दिया है। आरोपी की पहचान 114, ग्रीन पार्क, नजदीक बस स्टैंड, जालंधर तथा फ्लैट नंबर 702, एच ब्लाक, जालंधर हाईट्स, 66 फुटी रोड, जालंधर के अंकुर उप्पल के तौर पर हुई है।
पुलिस को दी शिकायत में ब्रांच मैनेजर कंवल नंदा ने आरोप लगाया है कि विगत 16.02.2021 को आरोपी अंकुर उप्पल बैंक शाखा में आया था। आरोपी ने खाता संख्ता 2311346952 को अपना खाता बताते हुए उसमें से 4 लाख रुपए की निकासी की मांग की। चूंकि उसके पास चैक नहीं था तो आरोपी अंकुर उप्पल ने आरटीजीएस फार्म पेश करके खाता संख्ता 2311346952 से 4 लाख रुपए आईसीआईसीआई बैंक के खाता संख्या 008201548569 में ट्रांसफर करने का आवेदन दिया जो यह खाता भी अंकुर उप्पल के नाम पर था। बैंक स्टाफ ने आरोपी अंकुर उप्पल से आधार कार्ड मांगा तो उसने आधार संख्या 2612744422206 वाला आधार कार्ड पेश कर दिया। अब हुआ यह कि आरोपी अंकुर उप्पल के हस्ताक्षर खाता संख्ता 2311346952 वाले धारक अंकुर उप्पल से मेल नहीं खाए।
अब स्टाफ सदस्यों से गलती यह हो गई कि उन्होंने आरोपी अंकुर उप्पल को उस खाता धारक के नमूना हस्ताक्षर दिखा दिए और उसने देखकर वैसे ही हस्ताक्षर भी कर दिए जिससे वो चार लाख रुपए की रकम को मांग मुताबिक आरोपी अंकुर उप्पल के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया। साथ ही शातिर आरोपी ने स्टाफ को अपनी बातों में लेकर खाता संख्ता 2311346952 पर दर्ज मोबाइल नंबर को चेंज करवाने का भी प्रयास किया लेकिन वो तकनीकी कारणों से नहीं हो पाया।मगर बैंक प्रबंधन में तब खलबली मच गई जब बैंक के कस्टमर केयर पर 16.02.2021 की दोपहर करीब 3.28 बजे इस ट्रांसैक्शन को लेकर आब्जैक्शन कॉल रिसीव हुई। बैंक टीम ने दिए पते पर आरोपी अंकुर उप्पल को तलाशा तो उसका दूसरा पता 66 फुटी रोड का मिला, जहां वो मिला तो नहीं लेकिन फोन पर उसने जल्द ही रकम लौटाने का आश्वासन दिया।
काफी दिन बीत जाने के बाद भी जब रकम बैंक को प्राप्त नहीं हुई तो बैंक प्रबंधन ने इस लापरवाही में शामिल सहायक बैंक मैनेजर साहिल सेठ, अनिल कुमार वर्मा तथा पारूल गोस्वामी को प्रबंधकीय जांच में दोषी ठहराकर नौकरी से चलता कर दिया और मामले की रिपोर्ट पुलिस में कर दी। बहरहाल, पुलिस आरोपी अंकुर उप्पल की तलाश में छापेमारी कर रही है। थाना नई बारादरी के प्रभारी रविंदर कुमार का कहना है कि जांच में यदि किसी बैंक स्टाफ सदस्य की मिलीभगत सामने आएगी, तो उसे भी नामजद किया जाएगा।